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जेबकतरा Summary in English & Hindi Free Online

जेबकतरा Summary in English PDF
CG Board Class 10 Hindi जेबकतरा Summary in English

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CG Board Class 10 Hindi जेबकतरा Summary in English


Poem

जेबकतरा

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English

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Summary

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Text

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CG Board Class 10 Hindi जेबकतरा Summary in English

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CG Board Class 10 Hindi जेबकतरा Summary in Hindi

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अभ्यास प्रश्न-

पाठ से-

Page No. – 144

प्रश्न 1. लेखक की माँ को जेबकतरे ने पैसे क्यों भेजे ?

उत्तर- लेखक की माँ को जेबकतरे ने पैसे इसलिए भेजे क्योंकि उसने वह पत्र पढ़ लिया था जो लेखक के जेब से पैसे के साथ उसे मिले थे। पत्र को पढ़कर जेब कतरे का मन द्रवित हो गया जिसमें लिखा था कि मेरे नौकरी छूट जाने के कारण माँ आपको पैसे नहीं भेज पा रहा हूँ। परन्‍तु माँ की याचना को, वह जेब कतरा ठुकरा नहीं सका और लेखक की माँ को पैसे भेज दिये। 

Page No. – 144

प्रश्न 2. “जिसकी नौकरी छूट चुकी हो, उसके लिए नौ रुपए नौ सौ से कम नहीं होते।” लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ?

उत्तर- लेखक की नौकरी छूट जाने के कारण वह आर्थिक संकट में आ गया वह अपने माँ को रूपये नहीे भेज पा रहा था उसके जेब में मात्र नौ रूपये ही थे जो एक जेब कतरे ने चुरा लिए थे अर्थात् जिसकी नौकरी छूट गयी हो उसके लिए नौ रूपये नौ सौ से कम नहीं होते क्‍योंकि आर्थिक अभाव में एक-एक पैसे की अहमियत होती है। कहानी में जब नायक के जेब से चोरी हो जाती है तो आर्थिक संकट से जूझने के कारण उसने यह वाक्‍य कहा। 

Page No. – 144

प्रश्न 3. जेबकतरा कहानी पढ़ने के बाद मन में कौन से भाव जागृत होते हैं ? लिखिए।

उत्तर- इस कहानी को पढ़कर मानवीय संवेदनाओं के भाव जागृत हो उठते हैं I वर्तमान समय में शिक्षित समाज में बढ़ती बेरोजगारी ने जिस अवसाद को जन्म दिया है वह हमारे मन को कहीं न कहीं गहरायी तक छू लेती है। कहानी के माध्यम से लेखक ने समाज की ज्‍वलंत समस्‍या की ओर हम लोगों का ध्‍यान आकर्षित किया है। प्रस्‍तुत कहानी में माँ के प्रति भावना इतनी उदार हो जाती है, चाहे वह लेखक की माँ हो या एक जेब कतरे की माँ हो। 

पाठ से आगे

Page No. – 144

प्रश्न 1. आपके हिसाब से कौन-कौन से काम गलत हैं?

उत्तर- हमारे हिसाब से वे सभी कार्य गलत है जिनमें मानवीय मुल्‍यों का अभाव है। हमें समाज को मानवीय मूल्‍यों से युक्‍त जीवन जीने की प्रेरणा देनी चाहिए। नैतिक एवं चारित्रिक पतन किसी भी स्वस्थ समाज का आधार नहीं हो सकता। लालच, ईर्ष्या, व्यभिचार, अत्‍याचार, अराजकता, बेईमानी, झूठ इत्यादि ऐसे अनेक कारण है जो हमारे चरित्र का तो ह्रास तो करते ही है, साथ ही हमारी नैतिकता को भी दीमक बन कर धूल-धूसरित कर देते है। इसलिए हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे जीवन के मूल्‍यों के प्रतिकूल हो। 

Page No. – 144

प्रश्न 2. अगर आपके पैसे खो जाएँ तो आपको कैसा महसूस होगा ?

उत्तर- अगर हमारा पैसा खो जाये या चोरी हो जाये दोनों ही दशा में हमे दुःख अवश्य होगा। पैसा हाथ से किसी भी रूप में हाथ से फिसले तो वह दु:ख का कारण बनता है क्‍योंकि अथाह परिश्रम के परिणाम स्वरूप जो पैसा या धन हम अर्जित करते है यदि वह चोरी हो जाये तो वह धन की ही चोरी नहीं अपितु हमारी मेहनत की चोरी है। 

Page No. – 144

प्रश्न 3. बेरोजगारी के कारण क्या-क्या हैं ?

उत्तर- बेरोजगारी के मुख्य कारण इस प्रकार हैं- 

(1) जनसंख्या में वृद्धि 

(2) राेजगार के अवसरों का यथोचित लाभ न मिल पाना। 

(3) तकनीकी शिक्षा का अभाव 

(4) रोजगार मूलक शिक्षा का अभाव

(5) अशिक्षित समाज का प्रभाव 

(6) कुंठित भानवाओं का शिकार होना। 

(7) कार्य कुशलता का विकसित न हो पाना 

(8) बढ़ती हुई महत्वकांक्षायें 

(9) सामाजिक जागरूकता की कमी

(10) बेरोजगारी दूर करने के लिए शासकीय प्रयासों का असफल होना 

(11) मानसिक स्‍तर विकसित न हो पाना आदि। 

बेरोजगारी के मूलत: कारण है। 

Page No. – 144

प्रश्न 4. लेखक ने अपने साथ घटी एक घटना को कहानी के रूप में प्रस्तुत किया है। आप भी अपने साथ घटी किसी घटना को इसी प्रकार प्रस्तुत करें।

उत्तर- एक बार हम अपने परिवार के साथ मॉल गये थे I कपड़े के एक शोरुम में गये I कुछ कपड़े हम वहीँ भूल गये और घर आ गये I दो दिन बाद जब हमें याद आया की हमारा एक थैला वहीँ छूट गया हैं I तो हमने दुकान में फोन किया I फोन किसी ने भी रिसीव नहीं किया। हम सोच में पड़ गये की क्या हुआ उस थैले का कई दिनों बाद जब हम दुबारा उस शोरूम में गये तो वहाँ के मालिक ने सीसीटीवी में हमें देखकर तुरंत ही पह‌चान लिया और हमें बुलाकर फुटेज दिखाते हुए बोला की आपका सामान पिछले महिने से यहाँ रखा हुआ हैं। हमने अपना थैला पहचान लिया और जब उसमें देखा तो सारे कपड़े मिल गये । हमने अपना सामान सहर्ष प्राप्त कर लिया था। शोरूम के मालिक को हमने तुरंत ही धन्यवाद दिया और भी सामान खरीदा फिर वहाँ से निकल कर अपने जान – पहचान वालों से उसके मालिक की सराहना की । आज भी मैं जब जाता हूँ तो वो सब हमें पहचान जाते है I और सम्मान के साथ हमें सामान दिखाते है I यह घटना हमारे संबंध की गहराई को दर्शाता है I

भाषा के बारे में – 

Page No. – 144

प्रश्न. उधेड़बुन- मन की एक स्थिति जिसमें तर्क वितर्क चल रहा होता है । आप ऐसे दो अवसरों के बारे में सोच कर लिखिए जब आपके मन में उधेड़बुन चली हो ।

उत्‍तर – उधेड़बुन- अर्थात् कोई निर्णय लेने के पूर्व किया जाने वाला अनिर्णीत विचार मंथन I या बार – बार किया जाने वाला सोच – विचार एक ऊहापोह, दुविधा की स्थिति, उलझन, असमंजस की स्थिति , चिंता आदि I पहला अवसर आज भी मुझे याद है कि जब मैं कक्षा 10वीं में थी तो माँ की तबियत खराब हो गई I मेरी अगले दिन ही से परीक्षा आरंभ थी I मैं बड़े ही उधेड़बुन की परिस्थिति में पड़ गई थी I बड़ी पुत्री होने के नाते छोटे- भाई बहन की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। परन्तु माँ की शिक्षा ने मुझे अपने कर्तव्यों के सम्यक रूप से निर्वहन करने का बल दिया तथा विषम परिस्थिति होने के बावजूद मैंने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया ।दूसरा अवसर मेरे विवाह

का मुझे याद आता है । जब पिताजी ने कहा कि अब मैं सिर्फ एक माह की उन लोगों के साथ रह सकती हूँ तो लगा कि अब मेरी पढ़ाई तो अधर में चली जायेगी । उस समय मैं पी० एच० डी० (इतिहास से) कर रही थी । एक साल की शिक्षा अभी बाकी थी I मैं इसी उधेड़बुन में थी I परन्तु मेरे होने वाले पति को जब यह पता चला तो उन्होंने मुझे एक साल का समय प्रदान किया जिसके कारण मैंने अपनी शिक्षा पूर्ण की और उन्होंने एक साल के बाद मुझसे ही विवाह किया । आज हमारा जीवन सुखमय व्यतीत हो रहा है। परन्तु उन विषम परिस्थितियों की याद आज भी मेरे मन: पटल पर विद्यमान है।


FAQs About CG Board Class 10 Hindi जेबकतरा Summary in English


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CG Board Class 10 Hindi Chapters and Poems Summary

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